Sunday 19 April 2015

Pitaji Aaj Bhi Paise Bachate Hain

Pitaji Aaj Bhi Paise Bachate Hain


पुरानी पैंट रफू करा कर पहनते जाते हैं, Branded नई shirt देने पे आँखे दिखाते है
टूटे चश्मे से ही अख़बार पढने का लुत्फ़ उठाते है, Topaz के ब्लेड से दाढ़ी बनाते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैं ….

कपड़े का पुराना थैला लिये दूर की मंडी तक जाते हैं,
बहुत मोल-भाव करके फल-सब्जी लाते हैं
आटा नही खरीदते, गेहूँ पिसवाते है..
पिताजी आज भी पैसे बचाते है…



स्टेशन से घर पैदल ही आते है 
रिक्शा लेने से कतराते है
सेहत का हवाला देते जाते है ...
बढती महंगाई पे चिंता जताते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते है .....

पूरी गर्मी पंखे में बिताते है,.........
सर्दियां आने पर रजाई में दुबक जाते है
AC/Heater को सेहत का दुश्मन बताते है, 
लाइट खुली छूटने पे नाराज हो जाते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते है



माँ के हाथ के खाने में रमते जाते है, 
बाहर खाने में आनाकानी मचाते है
साफ़-सफाई का हवाला देते जाते है,
मिर्च, मसाले और तेल से घबराते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते है…

गुजरे कल के किस्से सुनाते है,...........
कैसे ये सब जोड़ा गर्व से बताते है........
पुराने दिनों की याद दिलाते है, ...........
बचत की अहमियत समझाते है ...........
हमारी हर मांग आज भी, फ़ौरन पूरी करते जाते है
अब पता लगा पिताजी हमारे लिए ही पैसे बचाते है ...

THOUSAND SALUTES TO  ALL LOVING FATHERS OF THE WORLD!!

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