Saturday, 19 July 2014

BIWI CHALISAA

BIWI CHALISAA


हाथ जोड़ कर कीजिये,पत्नी जी का ध्यान ।
घर में खुशहाली रहे ,हो जाये कल्यान ।।

घरवाली को नमन कर , माला लेकर हाथ ।
मुख से पत्नी-वन्दना बोलो मेरे साथ ।। 

जय पत्नी देवी कल्यानी ।
माया तेरी ना पहचानी ।।



तुमसे सारे देवता हारे ।
डर से थर-थर कांपें सारे ।।

नहिं चरित्र तुम्हरा कोई जाना ।
नर क्या ईश्वर ना पहचाना ।।

अपरम्पार तुम्हारी माया ।
कोई इसका पार न पाया ।।

लगो देखने में तुम गुड़िया ।
हो लेकन आफत की पुड़िया ।।

हे मेरे बच्चों की माता ।
तुम हो मेरी भाग्यविधाता ।।



है बेलन हथियार तुम्हारा ।
जब चाहा सिर पर दे मारा ।।

ऐसी तेरी निकले बोली ।
जैसे हो बंदूक की गोली ।।

हम तुमसे डरते हैं ऐसे ।
चोर पुलिस से डरता जैसे ।।

ऐसा है आतंक तुम्हारा ।
बिच्छू जैसा डंक तुम्हारा ।।


करे पती जो पत्नी-सेवा ।
मिलती उसको सच्ची मेवा ।।

पत्नी-वन्दना जो कोई गावे ।
जीवन में कोई कष्ट न पावे ।।

प्रभु दीक्षित कर पत्नी-वन्दन ।
पत्नी का कर लो अभिनन्दन ।।

वन्दहु पत्नी मुख-कमल,गुणअवगुण की खान ।
मिले नहीं बिन आपके पतियों को सम्मान ।।

।। बोलो पत्नी रानी की जय।।


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