Friday, 11 July 2014

Jindagi ka such


Jindagi ka such

बाल सफेद करने मे जिंदगी निकल जाती है....
काले तो आघे घंटे मे
हो जाते है!!


"खुशीयां बटोरते बटोरते उमर गुजर गई ,
पर खुश ना हो सके,
एक दिन एहसास हुआ ,
खुश तो वो लोग थे जो खुशीयां बांट रहे थे."


दौलत की भूख ऐसी की कमाने निकल गए ।
दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए ।
बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी ।
और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए

No comments:

Post a Comment